Nice message I received on my mobile from my friend Maitrey पटेल. Don't know who is the composer of these beautiful lines.
नींद बहुत आती हे पढ़ते पढ़ते,माँ तू होती तो कह देते एक कप चाय बना दे.
थक गए हे मेस की रोटी खा खा के,
माँ तू होती तो कह देते पराठे बना दे.
वोही कोशिश रोज खुश रहने की,
माँ तू होती तो मुस्कुरा लेते.
बहुत दूर निकल आये हे घर से,
माँ तेरे सपनो की परवाह ना होती तो कबका घर चले जाते.
आये हे घर से दूर सिर्फ यही सोच कर,
की माँ को रखना हे खुश ज़रूर.