પઠાણકોટ એયર-બેઇઝ પર થયેલા આતંકવાદી હમલામાં શહીદ થયેલા આપણા જવાનોને સલામ અને ભગવાન એમના પરીવાર જનોને શક્તિ આપે એવી પ્રાર્થના. પઠાણકોટમાં શહીદ થયેલા જવાનોમાં એન.એસ.જી ના કમાન્ડો શ્રી. નિરંજન કુમાર પણ છે. એમની નાની ૧૮ મહિનાની દીકરીનો ફોટો જોઇને મારું હૃદય દ્રવી ઉઠ્યું. અને નીચે લખેલી કવિતામાં મેં એ નાની ઢીંગલીની લાગણીઓ દર્શાવવાની કોશિશ કરી છે.
आप कुछ वक्त और रुक जाते पापा,
तो आखरी बार गले लग जाती पापा.
अभी तो मैंने सिर्फ चलना शुरू किया था,
आपकी ऊँगली पकड़ कर मुझे दौड़ना था पापा.
शाम होते ही आपकी याद आती हे,
कंधो पे बिठाकर घुमाने कौन ले जाएगा पापा ?
माँ की आखे रो-रो के हारी,
आप होते तो संभाल लेते न पापा ?
मेरी सारी जिद्द आप पूरी करते थे,
अब मेरी ख्वाहिशें कौन पूरी करेगा पापा ?
आपकी गुडिया को यु न छोड़ जाते बेसहारा,
आप कुछ वक्त और रुक जाते पापा.
- यशपालसिंह जाडेजा
आप कुछ वक्त और रुक जाते पापा,
तो आखरी बार गले लग जाती पापा.
अभी तो मैंने सिर्फ चलना शुरू किया था,
आपकी ऊँगली पकड़ कर मुझे दौड़ना था पापा.
शाम होते ही आपकी याद आती हे,
कंधो पे बिठाकर घुमाने कौन ले जाएगा पापा ?
माँ की आखे रो-रो के हारी,
आप होते तो संभाल लेते न पापा ?
मेरी सारी जिद्द आप पूरी करते थे,
अब मेरी ख्वाहिशें कौन पूरी करेगा पापा ?
आपकी गुडिया को यु न छोड़ जाते बेसहारा,
आप कुछ वक्त और रुक जाते पापा.
- यशपालसिंह जाडेजा