2 ઓગસ્ટ, ૨૦૧૭ ના સવારમાં નાસ્તો કરતી વખતે મને આવેલ વિચાર. વિચાર હિન્દીમાં આવેલ એટલે હિન્દીમાં લખ્યો છે.
ये चोंटे भी ना, गज़ब की होती हैं. बचपन की हो, तो बड़े हो कर हँसा जाती हैं और बड़प्पन की हो तो ज़िन्दगी भर रुला जाती हैं.
- यशपालसिंह जडेजा
ये चोंटे भी ना, गज़ब की होती हैं. बचपन की हो, तो बड़े हो कर हँसा जाती हैं और बड़प्पन की हो तो ज़िन्दगी भर रुला जाती हैं.
- यशपालसिंह जडेजा